Lokeh pUnz’ks[kj tks’kh&&रामलीला में रामायण का स्वरूप पूरी तरह रामचरित्रमानस पर आधारित है, जोकि उत्तर भारत में कथा कहने का एक बहुत ही प्रचलित माध्यम है। राम के गौरव का वर्णन तुलसीदास ने 16वीं सदी में ब्रजभाषा में किया था ताकि इस महाकाव्य को सभी लोगों तक सरल भाषा में पहुंचाया जा सके। रामलीला प्रोग्राम में अधिकतर संभाग रामचरित्रमानस से लिया गया है जिसका मंचन दशहरा के दौरान पहली से लेकर दसवें दिन तक होता है, लेकिन रामनगर में रामलीला एक महीने तक चलता है।
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